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(पुस्तक समीक्षा) “बाबरी......हर इंसान के दिल में”- मानवीय संवेदना का दस्तावेज

स्वदेश कुमार सिन्हा                    “   बाबरी- हर इंसान के दिल में”   पुस्तक मानव की संवेदना तथा जिजिविषा का दस्तावेज है। वालीवुड मुम…

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समाज में जहर घोलती पत्रकारिता

आनंद स्वरुप वर्मा हम आज कौन से अन्धकार के युग में जीने के लिए अभिशप्त हो गए हैं ? यह कौन सी पत्रकारिता हम देख रहे हैं जो पूरे समाज में जहर घोलने …

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खामोश सुबकियां

अपूर्वानंद छह बच्चे मारे गए । कुछ का कहना है सात। और कुछ कहते हैं कि मारे गए बारह में ज्यादातर बच्चे थे। यह संख्या जितनी छोटी है , लगभग उतनी …

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