H.T. Bhopal 20 December 2013 
मध्यप्रदेश के हरदा जिले के (खिरकिया ब्लॉक) छीपाबड़ खेड़ा में दिनांक 19 सितंबर 2013 को साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी। जिसकी एन एस आई भोपालभा.क.पा.(मा-ले), राष्ट्रीय सेकूलर मंच, क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा, पिपुल्स रिसर्च सोसायटी और नागरिक अधिकार मंचद्वारा 27 सिंतबर 2013 को फैक्ट फाइंडि़ग की़ गई थी. संगठनों द्वारा इस फैक्ट फाइंडि़ग रिर्पोट को सबंधित प्रशासनिक अधिकारियों व आयोगों को भी भेजा गया था। इसकी कड़ी में संगठनों द्वारा दिनांक 16 अक्टूबर 2013 को भी पुनः छीपाबड़ के दंगा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया गया था ।

इसी संदर्भ में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल रिपोटियार प्रोफ़ेसर सचीन्द्र नारायण द्वारा दिनांक 18 और 19 दिसम्बर 2013 को दंगा से प्रभावित इस क्षेत्र में भ्रमण किया गया और पीडि़तों से मुलाकात की गयी।

पीडि़तों द्वारा स्पेशल रिपोटियार को बताया गया कि उनको मुआवजा बहुत ही कम मिला  है। कई लोगों के पूरे के पूरे घर दंगाईयों द्वारा जला दिए गए हैं लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें मुआवजे के तौर पर बहुत राशि दी गई है। कई पीडि़त परिवार ऐसे भी हैं जिन्हें अभी तक कुछ मुआवजा नहीं मिला है । इस दौरान पीडि़तों द्वारा स्पेशल रिपोटियार को एक लिस्ट भी सौपी गयी जिसमें पीडि़तों की दंगे के दौरान हुए नुकसान और सरकार द्वारा दिए गए मुआवजा को लेकर जानकारी है। भ्रमण के दौरान स्पेशल रिपोटियार द्वारा ए.डी.एम. हरदा से कहा गया है कि वे 4 दिन के अंदर दंगा पीडि़तों के हुए नुक्सान का पुनः सर्वे करवाएँ तथा इसे पीड़ितों द्वारा सौपें गये लिस्ट को वेरिफाय करके स्पेशल रिपोटियार को भेजें। इसके अलावा उन्होंने पीड़ितों को तत्काल मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करने का भी निर्देश दिया है. उन्होनें स्थानीय ए.डी.एम. को निर्देश दिया है कि पीड़ितों में जिन लोगों के पास गरीबी रेखा के कार्ड नही है और वे पात्र है उनका तत्काल गरीबी रेखा वाला राशनकार्ड बनाया जाये। इसके अलावा उन्होनें कहा कि वे प्रशासन से सिफारिश करेगें कि खेड़ा के प्राथमिक शाला को हायर स्कूल में बदल दें जिससे सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके।


स्पेशल रिपोटियार ने प्रशासन को यह भी आदेश दिया कि वह पीडि़तों के स्थायी पुर्नवास का कार्यक्रम बनाये जिसमें पीडि़तों का आर्थिक और सामाजिक पुर्नवास की व्यवस्था हो, प्रशासन को पीड़ितों के लिए सम्पूर्ण पुर्नवास कार्यक्रम 6 माह के अंदर तैयार किये जाना तय हुआ है।

NHRC special Rapporteur ( MP,CG ) Prof. S Narayan 
पीड़ितों द्वारा स्पेशल रिपोटियार को बताया गया कि अभी भी कई ऐसे दंगाई हैं जो पुलिस के गिरफत से बाहर है और उनके नाम एफ.आई.आर.में दर्ज है। स्पेशल रिपोटियार द्वारा पीड़ितों से उन लोगों के नाम की लिस्ट बना कर उन्हें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है जो दंगे में शामिल थे लेकिन अभी भी पुलिस के गिरफत से बाहर है ।

स्पेशल रिपोटियार ने स्थानीय मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे दंगों के दौरान पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नही है। क्योकि अगर पुलिस चाहे तो 2 घंटे में दंगा रोक सकती है लेकिन यहाँ यह नही हुआ। अगर पुलिस सही कार्यवाही करती तो घटना इतनी बढ़ती ही नही। उन्होनें कहा कि आगे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रशासन को दोनों समुदाय के साथ मिल कर कार्यक्रम चलाये जाने की जरूरत है. 

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छीपाबड़ (हरदा) के दंगा प्रभावित क्षेत्र में भोपाल के संगठनों द्वारा पुनः किये गये भ्रमण की संक्षिप्त रिर्पोट: Click here

27 सितम्बर 2013 को स्वतंत्र जांच दल द्वारा की गयी फैक्ट फाइंडिंग की पूरी रिपोर्ट: Click here

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