प्रति,
श्री आत्मदीप,जनसत्ता,भोपाल
श्री आत्मदीप,जनसत्ता,भोपाल
आशा है आप कुशल होगें
जैसा कि आपको याद होगा म.प्र. के कुछ संगठनों द्वारा हरदा जिले के छीपाबड़ में हुए दंगें की फैक्ट फाइंडि़ग की गई थी जिसकी रिपोर्ट हमारे साथी उपासना द्वारा दिनांक 8 अक्टूबर 2013 को आपके साथ साँझा की गई थी। इसके बाद आपने उपासना को फोन करके जो प्रतिक्रिया दी थी वह हैरान करने वाली थी। हमें यह बिलकुल अंदाजा नही था कि अपने आप को धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित बताने वाले एक राष्ट्रीय समाचार पत्र के राज्य प्रतिनिधि की सोच इस तरह से संर्कीण और धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी हो सकती है।
आपने फोन पर हमारे रिपोर्ट और संगठनों को लेकर कई आरोप लगाये हैं। आपने आरोप लगाया था कि हमारी फैक्ट फांइडि़ग रिपोर्ट निष्पक्ष नही है और पूर्वाग्रह से ग्रसित है। रिपोर्ट के प्रस्तावना को लेकर आपकी विशेष आपत्ति थी कि इसमें हमने म.प्र के पूर्व में हुए साम्प्रदायिक घटनाओं का विष्लेषण पेश किया है। इस सबंध में हमारा बस इतना ही कहना है कि किसी भी रिपोर्ट में पूर्व की घटनाओं का विष्लेषण पेश करना रिपोर्ट को ओर ज्यादा समृद्व तथा सिलसिलेवार बनाता है।
इसी तरह से आपने यह आरोप लगाया कि हम एकतरफा (केवल एक विषेशसमुदाय को लेकर) काम करते हैं, हम लोग वहां फैक्ट फाइंडि़ग करने नही जाते हैं जहाँ अल्पसख्ंयकों की तरफ से हिंसा की जाती है। आपका यह आरोप आपकी दूषित और साम्प्रदायिक मानसिकता को दर्शाता है। हम आपको बताना चाहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष संगठन है और हम लोकतांत्रिक,धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के साथ लोगों के संवैधानिक अधिकारों के पक्ष में काम करते हैं। हम लोग किसी धर्म, सम्प्रदाय के लिए काम नही करते हैं। हमारा मकसद सम्प्रदायों के बीच तालमेल कायम करना और गलतफहमी को दूर करना है।इसी तरह से आपने हमारे साथी संगठन राष्ट्रीय सेक्यूलर मंच और वरिष्ठ पत्रकार लज्जाशंकर हरदेनिया जी पर भी कुछ बेबुनियाद और तथ्यहीन आरोप लगाये हैं। आपका कहना था कि राष्ट्रीय सेक्यूलर मंच के कार्यक्रमों में केवल मुसलमानों और ईसाईयों के संगठनों को ही बुलाया जाता है, और इसमें हिन्दूवादी संगठनों को तो बुलाया ही नहीं जाता है।
इस सबंध में हमारा कहना है कि राष्ट्रीय सेक्यूलर मंच और हरदेनिया जी को आप से प्रमाणपत्र लेने की जरुरत ही नही है। मंच और वे लम्बे समय से ही प्रदेश में साम्प्रदायिकता के खिलाफ एक प्रतिरोध की आवाज रहे हैं। हरदेनिया जी ने धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए पूरे जीवन काम किया है,जिसका एकमात्र मकसद सभी समुदाय में आपसी मेलमिलाप और प्रेम को बढ़ावा देना और साम्प्रदायिक शक्तियों को बेनकाब करना रहा है। आपने उनके बारे में जो गलतफहमी पाल रखी है उसे दूर करने के लिए उनकी किताब‘‘साम्प्रदायिक दंगों का सच’’अवष्य पढ़ें। अतं में हम इतना ही कहना चाहेगें कि हमें बहुत दुख है कि अपने आप को धर्मनिरपेक्ष,निष्पक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित बताने वाले एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में आप जैसे संर्कीण विचारों वाले पत्रकार एक पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भवदीय
एल.एस. हरदेनिया (राष्ट्रीय सेक्यूलर मंच), योगेश दीवान(पिपुल्स रिर्सच सोसायटी), जावेद अनीस, (एन.एस.आई.भोपाल), विजय कुमार भा.क.पा.(मा-ले)उपासना बेहार( नागरिक अधिकार मंच),दीपक विद्रोही (क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा)
0 Comments
Post a Comment